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Saturday, June 13, 2020

जौनपुर पर चुप क्यों सेक्युलेरिजम के झंडाबरदार?

नई दिल्ली उत्तर प्रदेश के जौनपुर की दलित बस्ती में 9 जून को हैवानियत का ऐसा खेल खेला गया जिसे देखकर हर कोई हक्का-बक्का है। लेकिन, इससे भी बड़ी हैरत की बात यह है कि खुद को धर्मनिरपेक्ष कहने वाली राजनीतिक पार्टियां, जाने-मानी शख्सियतें और यहां तक कि दलित चिंतक का तमगा लिए लोगों ने भी रहस्यमयी चुप्पी ओढ़ ली है। भीम आर्मी के चीफ चंद्रशेखर ने तो और हद कर दी। उन्होंने जौनपुर के उत्पातियों पर की गई कार्रवाई और इसके पीछे यूपी सरकार की मंशा पर ही सवाल उठा दिया। नेता से लेकर दलित चिंतक तक, सभी चुप इधर, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी और अखिलेश यादव से लेकर माकपा नेता सीताराम येचुरी, हैदराबाद के मुस्लिम नेता असदुद्दीन ओवेसी, जिग्नेश मेवाणी, उमर अब्दुल्ला,दलित नेता प्रकाश अंबेडकर, दिलीप मंडल और चंद्रभान प्रसाद ने इस बेहद भयावह घटना पर मौन साध रखा है। हां, बीएसपी चीफ मायावती ने आरोपियों दलितों पर अत्याचार के मामलों में कार्रवाई के लिए यूपी सरकार की सराहना जरूर की है। प्रियंका गांधी समेत सारे विपक्षी खामोश भीम आर्मी के चंद्रशेखर आजाद ने सीएए के खिलाफ जामा मस्जिद और जामिया जाकर प्रदर्शनकारियों का साथ दिया था, लेकिन पर वह कार्रवाई करने वाली सरकार पर ही सवाल उठा रहे हैं। इसी तरह प्रियंका गांधी ने सोनभद्र में 10 आदिवासियों की हत्या पर 26 घंटे का धरना दिया था, लेकिन इस बार उनकी तरफ से कोई बयान नहीं आया। हर घटना के लिए मोदी सरकार को कोसने वाले विपक्षी नेताओं ने भी इस पर चुप्पी साध रखी है। इंसानियत को शर्मसार करने वाली घटना ध्यान रहे कि 9 जून को दलितों की बस्ती को 500 लोगों की हमलावर भीड़ ने जला दिया। दलितों के घरों में पहले तोड़फोड़ की गई और फिर बस्ती को आग लगा दी गई। इससे दलितों के मवेशी भी मारे गए। इस तरह बेघर होने साथ-साथ उनके समक्ष आजीविका का भी संकट खड़ा हो गया। इस मामले में मुख्य आरोपी जावेद सिद्दिकी समाजवादी पार्टी से जुड़े हैं। सपा के अध्यक्ष अखिलेश यादव पिछले विधानसभा चुनावों में उन्हें जौनपुर सदर सीट से उतारना चाहते थे लेकिन बाद में यह सीट उन्होंने बहुजन समाज पार्टी के लिए छोड़ दी। इन चुनावों में सपा और बसपा के बीच गठबंधन था। उत्तर प्रदेश सरकार की कार्रवाई इस मामले में मामले में पुलिस ने 58 नामजद और 100 अज्ञात आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। गुरुवार को पुलिस ने इस मामले में समाजवादी पार्टी (एसपी) के नेता जावेद सिद्दीकी सहित 35 आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस घटना पर नाराजगी जताते हुए दलितों का घर जलाने के सभी आरोपियों के खिलाफ तत्काल एनएसए के तहत मुकदमा दर्ज करने के साथ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए। इस प्रकरण में बरती गई लापरवाही पर गंभीर रुख अपनाते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एसएचओ के खिलाफ तत्काल विभागीय कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं। सीएम के निर्देश के चंद मिनट बाद ही एसएचओ संजीव मिश्रा को लाइनहाजिर कर दिया गया।


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