नई दिल्ली कोरोना जैसे अब तक की सबसे बड़ी विपदा के टलने के बाद की दुनिया में बहुत सारे बदलाव होने के संकेत अभी से दिखने लगे हैं। इसमें काम करने का अंदाज भी बदल सकता है। जानकारों के अनुसार का प्रयोग अब स्थायी रूप से हो सकता है। इसका अहसास सरकार को भी है। सूत्रों के अनुसार, केंद्र सरकार वर्क फ्रॉम फ्राम होम के लिए भी एक मानक बनाकर उसपर गाइडलाइंस जारी कर सकती है। केंद्र सरकार सरकारी या गैर सरकारी संस्थानों में काम करने वाले कामगारों की हितों की रक्षा के लिए काम के घंटे, काम करने के माहौल और सैलरी जैसी चीजों का मानक तय करती है। अब इसमें वर्क फ्रॉम होम को भी परिभाषित किया जा सकता है। सरकार से जुड़े एक सीनियर अधिकारी ने एनबीटी से कहा कि अगर घर से काम करने की शैली व्यापक होती है तो इसके लिए अलग से गाइडलाइंस की जरूरत हो सकती है। अभी के मौजूदा श्रम कानून में इसके लिए कोई खास दिशा-निर्देश नहीं है। आपको बता दें कि लागू करने के दौरान पीएम मोदी ने देश के नाम अपने संबोधन में कहा था कि कंपनियों को अपने कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम की अनुमति देनी चाहिए। लॉकडाउन के दौरान अधिकतर कंपनियों के कर्मचारी वर्क फ्रॉम होम कर रहे हैं। वर्क फ्रॉम होम कर रहे कई लोगों का मानना है कि इससे कंपनियों के संसाधनों की भी बचत होती है।
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